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पुल पार करने से पुल पार होता है नदी पार नहीं होती, नदी में धंसे बिना नदी में धंसे बिना पुल का अर्थ भी समझ में नहीं आता ~ नरेश सक्सेना


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महंगू ने महंगाई में पैसे फूंके टाई में, फिर भी मिली न नौकरी औंधे पड़े चटाई में गिटपिट करके हार गए टाई ले बाज़ार गए दस रूपये की टाई उनकी बिकी नहीं दो पाई में ~ सर्वेश्वर दयाल सक्सेना

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सब-सा दिखना छोड़ कर, खुद-सा दिखना सीख, संभव है सब हों ग़लत, बस तू ही हो ठीक। ~ नरेश शांडिल्य


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कविता की जगह आदर्शों की जगह लेती है। ~ राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर


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कई बार इंसान चुप रहकर ज़्यादा बात कह सकता है। ~ मोहन राकेश

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एक दिन मन हुआ खानाबदोश हो जाने का बर्बर हो जाने का जब समझा जीवन की भीषण अनिश्चितता को इतिहास की चादरों में दबे गुमनाम कंकाल को समझ आया अधिकारों की मांग पुराकाल घटित एक अनावृत कहानी है (1/2)

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वे लोग जो नहीं डरते सड़को पर उतर पड़ते हैं मुट्ठियों को खींचकर, जबड़ों को भींचकर आत्महननकारी है,ख़ानाबदोशों की आत्माएं है वे एक दिन मुठ्ठियों को लहराकर, तानाशाही को हराकर सिंहावलोकन कर डालेंगे कालखंड का •आदित्य चंद्रा'सुभाष' @Aditya729194


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कहो तो डरो कि हाय! यह क्या कह दिया न कहो तो डरो कि पूछेंगे चुप क्यों हो ~ विष्णु खरे

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पता नहीं आने वाले लोगों को दुनिया कैसी चाहिए कैसी हवा कैसा पानी चाहिए पर इतना तो तय है कि इस समय दुनिया को देर सारी करुणा चाहिए। ~ भगवत रावत


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जाने क्या-क्या है यहाँ बे-सिर-पैर के हज़ारों किस्से बे-पर की उड़ानें गुमशुदा दोस्ती की महक बदग़ुमानी का मजा अनचाहे प्यार की सजा अचानक मिली खुशियों की गुदगुदी ख़ुद ही ख़ुद में बेख़ुदी और तो और बेहूदगी की बेहद हद़ें बेतुकी बातों की जद़ें

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11वीं की NCERT में आप सब ने इन्हें अवश्य पढ़ा होगा। बेबी हालदार दीदी का जीवन संघर्ष से सदैव भरा हुआ रहा। BESTSELLER लेखिका बनने पर सब संस्थाओं ने इन्हें बहुत सराहा, पर आज जब दीदी गंभीर रूप से अस्वस्थ हैं तो कोई सहायता के लिए नहीं आया। उनका PHONEPAY नंबर 9088861892 9818741897

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"सभी व्यक्ति प्राकृतिक रूप से सामान हैं, एक ही मिटटी से एक ही कर्मकार द्वारा बनाये गए;और भले ही हम खुद को कितना भी धोखें में रख लें पर भगवान को  जितना प्रिय एक शसक्त राजकुमार है उतना ही एक गरीब किसान।"  ~ प्लेटो

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एक अच्छे जीवन की परिभाषा: जब दुःख के बराबर प्रेम मिल जाए।


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अपनी अक्षमता से पीड़ित, दूसरे की सक्षमता के चांँद को देखकर सारी रात श्वान जैसा भूंँकता है। ~ हरिशंकर परसाई #UPSC2023

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बाबा नागार्जुन 🌼

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इस सबके बावजूद पिक्चर की रिपोर्ट बहुत अच्छी रही. रिव्यूज तो सभी टाप क्लासमिले. सीपी बरार में भी रिलीज हो गयी. वहां भी एकदम बढ़िया रिपोर्ट है. कल सीआई राजस्थान में हो जायेगी. कमसेकम बम्बई रिलीज पर तो आपको अवश्य बुला सकेंगा. पत्र दीजियेगा. लतिकाजी को मेरा नमस्कार दीजिएगा.


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मुझे अपनी फिल्म का प्रीमियर देखना भी नसीब नहीं हुआ. यह तो उन सरदार फायनेन्सर्स का ही दम था कि चित्र प्रदर्शित हो सका, अन्यथा यहां से दिल्ली सपरिवार गये हुए राज साहब अपमानित लौटते. मुझे यहां आपने इस बार देखा है, कल्पना कर सकते हैं क्या हालत हुई है.


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गीतकार शैलेंद्र का आख़िरी पत्र: प्रिय भाई रेणु जी, सप्रेम नमस्कार. फिल्म आखिर रिलीज हो गई, मालूम ही होगा. जो नहीं मालूम वह बताता हूं. दिल्ली, यूपी के डिस्ट्रिब्यूटर और उसके सरदार फायनेंसर्स का आपसी झगड़ा-छः अदालतों में, मेरे ऊपर वारन्ट-कोई पब्लिसिटी न होते हुए भी फिल्म लगी.

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अपने प्रयोजन  में दृढ  विश्वास रखने वाला एक सूक्ष्म शरीर इतिहास के रुख को बदल सकता है।  ~ महात्मा गाँधी

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कट्टरता सच को उन हाथों में सुरक्षित रखने की कोशिश करती है जो उसे मारना चाहते हैं। ~ रबीन्द्रनाथ टैगोर

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