@suktiyaan Profile picture

सूक्तियां

@suktiyaan

हिंदी | सूक्तियां | साहित्य | सुभाषित | संस्कृत | शायरी | कविता | कहानी | किताबें | लेखन ✍️📚🛞

Joined February 2023
Similar User
Apni Hindi photo

@apni_hindi

हिन्दी साहित्य photo

@hindi_saahity

Paradise साहित्य photo

@paradise_sahity

साहित्य साथी मंच photo

@SahityaSathi

संकलन photo

@Sankalan_

काव्य कुटीर photo

@KavyaKutir

तर्क वाणी photo

@tark_vani

कृति काव्य photo

@kriti_kavya_

तुलसीदास photo

@ManasHanshTulsi

साहित्य यात्री photo

@Sahitya_yatri

काव्यकला photo

@kavyaakala

तर्कशील युग photo

@tarksheel_yug

TeamRohitashKumarMeena photo

@team_Rk_048

Paradise Retweets photo

@retweet_sahity

zindaginama1 photo

@zindaginama1

Pinned

जो समाज इंद्रप्रस्थ की पटरानी महाराज द्रुपद की पुत्री और पांडवों की पत्नी के वस्त्रहरण पर चुप रह गया। वो समाज भला किसी साधारण नारी के मान सम्मान की क्या रक्षा करेगा। ~ श्रीकृष्ण #bengaldoctor #suktiyaan


सूक्तियां Reposted

तुम्हारे सामने पूरा संसार है. जैसे इस वक़्त तुम्हारी नोटबुक का वो कोरा पन्ना जिस पर तुम जो चाहे लिख सकते हो. तुम्हारी कहानी के लेखक तुम ही हो. तुम्हारी ज़िंदगी की पटकथा कोई और दूजा नहीं लिखेगा. इसका ब्लूप्रिंट भी किसी और के पास नहीं है. इसे ही अवसर कहते हैं शायद.


लड़ाई नहीं खत्म होगी जिंदगी में... ~ अवध ओझा


सूक्तियां Reposted

एक बुद्धिमान और संवेदनशील व्यक्ति इस समाज में व्याप्त असामनता पर क्रोधित हुए बिना ज्यादा समय तक नहीं रह सकता. और, यह केवल एक भावुक, तात्कालिक, उदारवादी चीज़ नहीं है; यह एक सामान्य मानवीय प्रतिक्रिया है उन बेतुके मूल्यों के प्रति, जहाँ एक तरफ़ तो हमारे पास दालचीनी के स्वाद वाला…


सूक्तियां Reposted

पाप करते समय भी आदमी का ध्यान इज़्ज़त की तरफ़ रहता है !!!


चलते रहिए ये हमें लेके जिधर जाते हैं ख़्वाब आखों में ही रहते हैं तो वो मर जाते हैं ~ जावेद अख्तर


मैंने शब्दों का जाल चुना और फेर दी स्याही दवात उठाई और पटक दी, सफेद, चमचमाते फर्श पर कलम चूमा और तोड़ दिया उठाया पन्ना, फाड़ दिया मैंने बहुत कुछ लिखा बहुत कुछ मिटाते हुए बहुत कुछ छिपाने को ~ दिव्यांशी सुमराव | @divyanshisumrav


राह बदलती नहीं-प्यार ही सहसा मर जाता है, संगी बुरे नहीं तुम-यदि नि:संग हमारा नाता है स्वयंसिद्ध है बिछी हुई यह जीवन की हरियाली- जब तक हम मत बुझें सोच कर-'वह पड़ाव आता है!' ~ अज्ञेय

suktiyaan's tweet image. राह बदलती नहीं-प्यार ही सहसा मर जाता है,
संगी बुरे नहीं तुम-यदि नि:संग हमारा नाता है
स्वयंसिद्ध है बिछी हुई यह जीवन की हरियाली-
जब तक हम मत बुझें सोच कर-'वह पड़ाव आता है!'

~ अज्ञेय

पढ़िए गीता बनिए सीता फिर इन सब में लगा पलीता किसी मूर्ख की हो परिणीता निज घर-बार बसाइए । होंय कँटीली आँखें गीली लकड़ी सीली, तबियत ढीली घर की सबसे बड़ी पतीली भरकर भात पसाइए । ~ रघुवीर सहाय

suktiyaan's tweet image. पढ़िए गीता
बनिए सीता
फिर इन सब में लगा पलीता
किसी मूर्ख की हो परिणीता
निज घर-बार बसाइए ।

होंय कँटीली
आँखें गीली
लकड़ी सीली, तबियत ढीली
घर की सबसे बड़ी पतीली
भरकर भात पसाइए ।

~ रघुवीर सहाय

सूक्तियां Reposted

बड़ी अजीब दुनिया का चलन हैं अपनों को अपनों से ही जलन है !!!


आभार 🌻

शुक्रिया ❤️



सूक्तियां Reposted

प्रेम को हारने से बेहतर है प्रेम में हार जाना !! ~ अर्चना अनिरुद्ध | @archana_anirudh


उग रहा है दर-ओ-दीवार से सब्ज़ा 'ग़ालिब' हम बयाबाँ में हैं और घर में बहार आई है ~ मिर्ज़ा ग़ालिब

suktiyaan's tweet image. उग रहा है दर-ओ-दीवार से सब्ज़ा 'ग़ालिब'
हम बयाबाँ में हैं और घर में बहार आई है

~ मिर्ज़ा ग़ालिब

आप होते हैं कहाँ गाम कहाँ होता है इश्क़ में यूँ भी सफ़र आम कहाँ होता है इश्क़ में हैं जो उन्हें काम में राहत दी जाय इश्क़ में होते हुए काम कहाँ होता है शाह हैं आप जिसे चाहें खरीदें लेकिन हम फ़क़ीरों का कोई दाम कहाँ होता है ~ संजू शब्दिता | @SanjuShabdita


डर के कारण किसी की इज़्ज़त कर रहे है तो इससे भयानक कुछ नहीं है। ~ अल्बर्ट कामू


आप अभी मर सकते हैं! इस तथ्य को अपने शेष जीवन का मार्गदर्शन करने दें। ~ मार्कस ऑरेलियस


सूक्तियां Reposted

"मैंने अपने जीवन की शुरुआत केवल एक सिद्धांत के साथ की: मैं दुनिया को अपने उच्चतम मूल्यों के अनुसार आकार दे सकूँ; इसे किसी निम्न मानक पर ना झुकने दूँ, चाहे संघर्ष कितना भी लंबा या कठिन क्यों ना हो." -आयन रैंड


कभी कभी इतना बिहार होता है मन, कि कपड़े बदलते वक्त भी लगता है, जैसे घर बदल रहा हूं। ~ कुंवर नारायण


Loading...

Something went wrong.


Something went wrong.