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Sanatan Samiksha

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आवश्यक नही कि,आप हमारी हर बात से सहमत हो,लेकिन सत्य को आप की सहमति,असहमति से कोई फर्क नही पड़ता,क्यो की सत्य इतना परिपूर्ण होता हैं कि उसे स्वीकारना ही पड़ता हैं।

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सारा विज्ञान इसी झाड़ू से निकलता है। ट्विटर पर यह जितने की भाड़े के वैज्ञानिक घूम रहे है पाखंड अंधविश्वास मिटाने वाले सब इसी झाड़ू की पिटाई के बाद अर्धविक्षिप्त हो कर वैज्ञानिक बने हैं। 😂🤣🤣

मार्केट में झाड़ू वाले बाबा भी आए हुए हैं। भानु जी की रिश्तेदारी से हैं,इसलिए कोई इनकी बुराई नहीं करेगा, इन्हें पाखंडी नहीं कहेगा। हो सके तो इन्हें "वैज्ञानिक" कह दे,इसमें कोई बुराई नहीं है।



भंते नाग सेन जी ने यह क्या कह कर गए हैं ... अब समझ नहीं आ रहा इसे बौद्ध मत का विज्ञान कहे या बौद्ध मत का पाखंड .. आप को कमेंट में बताइए....

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youtu.be/GFJeDCPQedM हिंदुओं के माथे पर जातिवाद का सारा ठीकरा फोड़ कर आज समानता और बंधुत्व की मलाई चाटने वाले विचारकों के वैचारिक क्रिया कलाप पर विस्तार से प्रकाश डाला गया हैं। जिस वंश में बुद्ध जन्मे थे वह वंश खुद उस दौर का सबसे बड़ा जातिवादी और भेदभाव करने वाला वंश था ।।…

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अगर दीपावली का पर्व धान की फसल को कीटो से बचाने के लिए मनाया जाता हैं। तो यह बताओ क्रांति कुमार धान की फसल में कीड़ों के लगाने का समय कौन सा होता हैं। क्यों की दीपावली तो तब पड़ती है जब धान खेतों में पक कर कटने के लिए तैयार हो जाता हैं। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार अक्टूबर के आखिरी…

धन संपत्ति नही धान संपति की सुरक्षा से शुरू हुई दिवाली मनाने की परंपरा. किसानों ने ही शुरू की थी दीवाली. ◆◆ 2019 में नव भारत टाइम्स में पत्रकार बाल मुकुंद ने एक लेख लिखा था. बाल मुकुंद ने दीवाली के इतिहास की जानकारी ओड़ीसा की ब्लॉगर हैं निष्ठा रंजन दास से प्राप्त की थी जो…

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दीपावली जिसे दीपदानोत्सव के नाम पर कुछ लोग चोरी करने का यत्न कर रहे हैं असल में उसे शुरू से ही यक्ष रात्रि, लक्ष्मी पूजन आदि नामों से जाना जाता रहा हैं। विशेष रूप से इस दिन माता लक्ष्मी भगवान कुबेर और बुद्धि समृद्धि के देवता प्रथम पूज्य भगवान गणेश के पूजन के साथ मनाया जाता हैं।…

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आने वाला साल आप सब के लिए उज्ज्वल और समृद्ध हो! इस दिवाली अपनी आत्मा और अपने घरों को रोशन करें! आपको अपने सपनों की तरह ही एक उज्ज्वल त्यौहार की शुभकामनाएँ।

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यहां पर कहा लिखा है यह बुद्ध की मां महामाया हैं। ना भरहुत स्तूप पर महामाया लिखा है ना यह की इस शिल्प में जो आकृति है वह बुद्ध की मां हैं। फिर कैसे तय किया नवबौद्धों यह महामाया हैं। जबकि इस शिल्प के अलावा सैकड़ों जगह देवी लक्ष्मी की ऐसी ही प्रतिमा प्राप्त हुई हैं। यकीन नहीं तो…

*यह भरहुत स्तूप से लिया गया फोटो है। जिसमें लाल घेरे में भगवान बुद्ध की माता महामाया है।इनके दोनों तरफ दो सफेद हाथी पानी की बौछार कर रहे हैं।दूसरी तरफ इसी स्तूप पर धम्मलिपि में एक राजा का नाम उत्कीर्ण है।इस राजा का नाम चकवाक नागराज है।ये नागवँशी राजा थे तथा सर पर बुद्धिझम का…

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फेक और फर्जी पूरे इंटरनेट पर यह सिर्फ दो जगह उपलब्ध हैं एक इंस्टाग्राम में एक नवबौद्ध की पोस्ट में दूसरी फेसबुक पर एक नवबौद्ध की पोस्ट में और तीसरा इसने इस फर्जी शील को यहां चेप दिया 🤣😂😂 इसका कोई रिकॉर्ड ही नहीं है कब कहा और किसको मिला ai से कुछ भी बना कर चेप रहे है नवबौद्ध…

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दूसरी-तीसरी शताब्दी, गांधार, बुद्ध और जानवर दिखाए गए हैं शिल्प में शाक्यमुनि अलग-अलग आलों में बड़े कमल के फूलों से घिरे हुए हैं, वे बीच वाले आलों में बैठे हैं, उनके हाथ ध्यान की मुद्रा में हैं। उनके ऊपर दो बंदर और दो हिम सिंह हैं, जिनका सिर बहुत बड़ा है। निचले स्तर पर बुद्ध के…

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बरोबर बोला तूने उनका दिमाग विकसित नहीं था फिर भी गोबर नहीं खाया । लेकिन जो विकसित दिमाग वाले थे, उन्होंने क्या क्या खाया एक बार आंखे फाड़ के देख ले 🤣😂😂

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इन लोगों में दिमाग विकसित नहीं था फिर भी गोबर नहीं खाते थे. लेकिन आज विकसित जमाने में लोग गोबर खा रहे और मूत पी रहे हैं..

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मैं भी प्रतिज्ञा लेता हूं .... जितना नवबौद्ध हमारे देवी देवताओं और हिन्दू आस्थाओं का सम्मान करेंगे उतना ही हम भी बुद्ध, बौद्धों मान्यताओं और उनकी आस्था का सम्मान करेंगे। कौन कौन हिन्दू मेरी इस प्रतिज्ञा के साथ हैं ? अगर साथ हो तो रीट्वीट करो और शेयर करो .. @Aatma_the_soul4

मैं बाबा साहब की 22 प्रतिज्ञा में से पहली प्रतिज्ञा प्रतिदिन दोहराती हूं, आज भी दोहरा रही हूं । मैं ब्रह्मा, विष्णु और महेश को कभी ईश्वर नहीं मानूंगी, तथा ना मैं उनकी पूजा करूंगी।

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यह 24 घंटा खुद बौद्ध का चश्मा लगा कर सब कुछ देखता हैं । इसके पूरे ट्वीट में एक जातिविशेष के लिए नफरत साफ झलकती है और यह दूसरे को उपदेश दे रहा है जाति धर्म से ऊपर हो कर देखने सोचने की ..... घोर कलियुग चल रहा है भाई घोर कलियुग

आंखों से चश्मा हटाकर तो देखिए..

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पहली बार गन्ना बौद्धों ने उगाया था ,, तुषित लोक से गन्ने का बीज ला कर ...🤣😂 फिर कोल्हू में पेर कर रस निकालते थे .. इस चित्र में कोल्हू से गन्ने का रस निकाले बौद्ध भिक्षुओं को साफ देख सकते हैं ... भारत में कामगार किसान तो सिर्फ कहने की बाते है सर काम तो भिक्षु करते थे।

पहली बार शक्कर बौद्ध भारत ने बनाया था.... बौद्ध भारत शक्कर को " सक्कर " बोलता था.... फारस वालों ने इसे " शकर " कहा.... अरबी जबान ने " सुक्कर " कहा... अंग्रेजों ने " शुगर "....

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अनपढ़ जब भी मुंह खोलता हैं तो हंसी का पात्र ही बनता हैं। यह फुट प्रिंट 3 से 4 शताब्दी का हैं। जबकि स्वस्तिक का चिन्ह सिन्धु सभ्यता से आज तक निरंतरता में हैं। त्रिशूल का अंकन भी सिंधु कालीन है जो आज भी निरंतरता में हैं। मगर यह मूर्ख जिन चीजों का बुद्धिज़्म से दूर दूर तक कोई लेना…

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यह एक बौद्ध पद है, जिसके बीच में 24 अरे वाला चक्र है, और उंगलियों पर स्वस्तिक का निशान है। नीचे त्रिरत्न बना हुआ है, और त्रिरत्न के निचले हिस्से में कमल का फूल है। बीच में वज्र है, और ऊपर त्रिशूल जैसा आकार है। इसका बीच वाला हिस्सा बुद्ध का प्रतीक है, और दोनों बगल वाले एक धम्म का…

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यह तुम्हारे बाबू जी नाम लिखा है क्या गधे तुझे प्राकृत पाली खुद नहीं आ रही ना उसका हिन्दी अनुवाद पढ़ने आ रहा । गधे तुझे पढ़ना नहीं आ रहा तो इसमें मेरी क्या गलती हैं। बाकी सब देख रहे है प्रमाण देखने के बाद भी तू किस तरह थूक कर चाट रहा हैं। थूकेला कही का 😂😂😂

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अरे मूर्ख सबसे पहले तूने कहा कि ब्राह्मण और क्षत्रिय शब्द लिखा है तो दिखा स० समीक्षा अब तू ब्राह्मण और क्षत्रिय शब्द दिखा लेकिन सनातन समीक्षा तेरी औकात और बुद्धि नहीं है तू ब्राह्मण और क्षत्रिय शब्द दिखा सके पता चलना चाहिए -तुम लोगों को कैसे मुर्ख बनाते हो संस्कृत के नाम पर

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वाह वाह बुद्धिस्ट समुद्र मंथन भी करते थे ... बुद्ध ही कक्षप अवतार भी लिए थे। इस शिल्प को बौद्ध शिल्प किस आधार पर मान लिया विलास ने यह जब विलास खरात बताएगा तब बहुत मजा आयेगा .. मुझे लगता है यहां भी विलास खरात बालों का पैटर्न देख कर इन मूर्तियों को बुद्ध समझ बैठा हैं 😂🤣 आना…

समुद्र मंथन यह बौद्ध संकल्पना है। विदेशी ब्राम्हणों ने उसे कैसे चुराया और आम लोगो को कैसे बेवकूफ बनाया इसपर live आकर विस्तार से बताऊंगा।

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आले मेला बाबू फिर यह क्या हैं ... 🤣😂😂 अब बोल बौद्ध ग्रंथ के साथ साथ बौद्ध ग्रंथों की पांडुलिया भी फर्जी हैं। ब्राह्मण मिलावट मार दिए हैं 😂🤣🤣

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मूर्ख अनपढ़ गवार लोग अपनी बात- सबूत /reference के आधार पर नहीं करते हैं



पोस्ट लिखने से पहले यह तो चेक कर लेता बघाली के अभिलेख पर मौर्यों ने खुद को मनु और मान्धाता का वंशज बताया हैं। चिरकुट आदमी करवा दी ना फिर बेज्जती ले देख मौर्यों ने खुद तेरे दो कौड़ी के प्रोपेगेंड की कैसे बत्ती बना कर तुझे ही दे दिया हैं। 🤣🤣😂 👇👇 youtu.be/taA4tAZe9Kc

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सम्राट अशोक के वंशज दूसरी सदी ईसा पूर्व में मौर्य सम्राट वृहद्रथ की हत्या हो गई, लेकिन बाद के दिनों में भारत के अनेक क्षेत्रों में उनके वंशजों ने हुकूमत की। 1. कोंकण - खानदेश में मौर्यों का शासन छठी सदी में था। कीर्तिवर्मन प्रथम ( छठी सदी ) और पुलकेशिन् द्वितीय ( सातवीं सदी )…

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😂😂😂 बाबू जी अभिलेख ही पढ़ लेते तो यह सवाल पूछने की जरूरत नहीं पड़ती .. 👇👇

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वाकई में सनातन समीक्षा ने अपनी बुद्धिमता अथवा मूर्खता का अंततः सबूत दे ही दिया - की 28 बुद्ध ब्राह्मण और क्षत्रिय कुल में क्यों पैदा हुए - सनातन समीक्षाआपको बहुत-बहुत बधाई ब्राह्मण और क्षत्रिय शब्द की उत्पत्ति कब और कौन से काल में हुई थी ???

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देख रहा है विनोद किस तरह से देश की जनता को बेवकूफ बनाया जाता हैं। मैडम क्या कह रही हैं... इतिहास का abcd भी नहीं पता और इतिहास का ज्ञान दे रही हैं। उनकी एक एक बात की पोल यहां खोली गई हैं थोड़ा एक नजर इधर डाल लो जनता जनार्दन 👇👇 youtu.be/LVYb5h8rFtQ

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देश में दलित महिलाओं को स्तन ढकने का अधिकार शेरे मैसूर टीपू सुल्तान नें दिलवाया था! झाँसी की रानी और टीपू सुल्तान ही ऐसे वीरांगना/वीर थे जिन्होंने अंग्रेज़ों की ग़ुलामी स्वीकार करने से मना कर दिया था और वीरता से अपने देश के लिये लड़ते हुऐ शहीद हुये! hindi.news18.com/news/knowledge…

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जब यह लोग हिंदुओं से पूछते है कि सारे देवी देवता भारत में ही क्यों पैदा हुवे अन्य देशों में क्यों नहीं तब यह Rational होते हैं। लेकिन अगर किसी ने पलट कर यही सवाल इनसे पूछ लिया कि सभी बुद्ध जैसी इनके यहां मान्यता हैं 28 बुद्धों की वह सब भारत में ही और केवल ब्राह्मण क्षत्रिय कुल…

बहुत बढ़िया सवाल 👏👏 सच में ,कई बार तो मेरे जैसा रैशनल इंसान भी ऐसे सवाल सुनकर बेहोश हो जाता है 😢😢 अब क्या क्या जवाब दु इसका 😩 अब मुझे खुद से पूछना है कि मैं भारत मे ही क्यों पैदा हुआ अमेरिका या यूरोप में क्यों नही 😬😬 जो ऐसे मूर्खो के बेवकूफी भरे सवाल सुनना पड़ रहे 😭

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