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त्वदीयं वस्तु गोविन्द तुभ्यमेव समर्पये।😊👏

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पढ़ो राम लिखो राम स्मृति राम भजन राम जन्म राम मृत्यु राम सृष्टि राम राम सृष्टि रचना राम प्रलय राम कारण राम कर्ता राम कर्तव्य राम प्रेम राम भाव राम अनुभूति राम #मेरे_राम #शरणागत_बच्छल_भगवाना

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Instant pain relief 👇👇👇


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जेहि कहं कृपा राम की हेरी! को देखइ तेहि नयन तरेरी!! -जिसको राम की कृपा ने एक बार भी देख लिया हो फिर उसको भला टेढ़ी नजर से कौन देख सकता है?

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का प्रेम भरो का नेह भरो रघुनंदन के इन लोचन में! ऐसो उदार करुनासिंधू 'सुत' नाहि भौ त्रयलोकन में!! भगवान राम के नेत्रों में कैसा प्रेम और स्नेह भरा हुआ...इतना उदार और करुणासागर तीनों लोकों में कोई नहीं हुआ!


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Legs day warm up


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प्रेम करत अपने जन से जस प्रेम करत मां निज सुत से! वृंदासुत छाती ठोकि कहे नहि नाथ जगत दशरथपुत से!! भगवान राम अपने जन से वैसा ही प्रेम करते हैं जैसे एक मां अपने पुत्र से करती है,मैं छाती ठोक कर कहता हूं इस संसार में दशरथ पुत्र राम जैसा नाथ कोई दूसरा नहीं है!

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उद्भवस्थितिसंहारकारिणीं क्लेशहारिणीम्‌। सर्वश्रेयस्करीं सीतां नतोऽहं रामवल्लभाम्‌॥ अर्थ : उत्पत्ति, स्थिति, संहार करनेवाली, क्लेशों को हरण करनेवाली तथा सम्पूर्ण कल्याणों की करनेवाली, राम की प्यारी सीताजी की मैं वन्दना करता हूँ ।

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प्रद्युम्न जननी माता रुक्मणि

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राम सिया रिपुसुदन संग भरत लखन हनुमान! या झांकी सुत उर बसे चाह न अब कछु आन!! भगवान श्री राम,माता जानकी, भरत,लक्ष्मण, शत्रुघ्न जी सहित हनुमान जी की यह झांकी मेरे हृदय में सदा बसी रहे इसके अतिरिक्त मै कुछ नहीं चाहता!

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मानस में श्रीतुलसीदास जी की वेदनिष्ठा-

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Want to improve the energy of Mangal Graha (Mars) in your life? Here are some simple yet powerful remedial practices to improve your karma and align with positive energies. 🧵 #astrology #Mars #Mangal #jyotisha

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88 साल के बुजुर्ग ने 14 वर्षों में लिखी राम नाम से संपूर्ण रामचरितमानस ! Bhajan Marg


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Suffer from Headaches/Migrains ? Do the Mahasirs Mudra.🤟✨


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आभार और धन्यवाद दोनों ही शिष्ट औपचारिक भाषा में काम आने वाले शब्द हैं।आभार अधिक गरिमापूर्ण है, जबकि धन्यवाद मात्र साधुवाद को व्यक्त करता है । किसी के द्वारा किए गए कार्य के प्रति उनका आदर भाव से शुक्रिया करना धन्यवाद है, आभार में कृतज्ञता का भाव अधिक है। आभार संस्कृत में नहीं है।

प्रणाम सर 🙏 एक दुविधा है कि क्या आभार व धन्यवाद शब्द के अर्थ और प्रयोग में कोई अन्तर हैं या कोई भी प्रयोग किया जा सकता है?



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।।श्रीअवधधाम धामाधिपति।। विष्णोः पादमवन्तिकां गुणवतीं मध्यं च काँचीपुरीं नाभि द्वारवतीं पठन्ति हृदयं मायापुरीं योगिनः । ग्रीवामूल मुदाहरन्ति मथुरां नासां च वाराणसी- मेतद्ब्रह्मपदं वदन्ति मुनयोऽयोध्यापुरी मस्तकम् ॥ (श्रीरुद्रयामल)

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बैक्सीन लगे लोगो की जिन्दगी बचाने में मदद करिये ! 🙏🙏 घर में रखिये यह तीन दवाएं.. हार्ट अटैक के वक्त ज़िन्दगी बचाने में बहुत अहम साबित होंगी इकोस्पोरिन 75mg -2 टेबलेट रोज़ूवेस्टेटिन 20mg -1 टेबलेट ये दोनों टेबलेट पानी से लेना है सौरर्बिट्रेट 5mg -1 टेबलेट इसे चूसना है !


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देखिहउँ जाइ चरन जलजाता। अरुन मृदुल सेवक सुखदाता॥ जे पद परसि तरी रिषनारी। दंडक कानन पावनकारी जे पद जनकसुताँ उर लाए। कपट कुरंग संग धर धाए॥ हर उर सर सरोज पद जेई। अहोभाग्य मैं देखिहउँ तेई॥ जिन्ह पायन्ह के पादुकन्हि भरतु रहे मन लाइ। ते पद आजु बिलोकिहउँ इन्ह नयनन्हि अब जाइ।।

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विश्व के मानचित्र में, पूरब “योगियों” की भूमि है और पश्चिम “योद्धाओं” की। ऐसा नहीं है कि पूरब में “योद्धा” और पश्चिम में “योगी” नहीं हुए। अवश्य हुए हैं। किन्तु उन्हें कम्पैरेटिवली कम सम्मान मिला है। चूँकि पूरब “तपस्वियों” को पूजता है और पश्चिम “वीरों” को! इतिहास को उठा कर देखा…

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बिधि-हरि-हर!

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