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लीला दासी

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#GodKabir_In_Treta_DwaparYug लंका फतह करने में बाधा बन रहे समुद्र के आगे असहाय हुए दशरथ पुत्र राम से भिन्न वह आदिराम/आदिपुरुष परमात्मा कौन है, जो त्रेतायुग में मुनींद्र ऋषि के रूप में उपस्थित थे एवं जिनकी कृपा से नल नील के हाथों समुद्र पर रखे गए पत्थर तैर पाए थे। इस आध्यात्मिक

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#GodMorningSunday गीता अध्याय 8 श्लोक 16 के अनुसार, स्वर्गलोक और ब्रह्मलोक में गए प्राणियों का भी पुनर्जन्म होता है वहीं गीता अध्याय 18:62 के अनुसार मोक्षका स्थान सतलोक है जहाँ कोई कष्ट नहीं है बल्कि वहाँ परमशांति है। देखें संत रामपाल जी महाराज यूट्यूब चैनल पर #sundayvibes

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#GodKabir_In_Treta_DwaparYug 🪴 🪴 त्रेतायुग में कबीर साहेब ने मुनींद्र ऋषि रूप में एक पहाड़ी के आस-पास रेखा खींचकर सभी पत्थर हल्के कर दिये थे। फिर बाद में उन पत्थरों को तराशकर समुद्र पर रामसेतु पुल का निर्माण किया गया था। True Knowledge By Sant Rampal Ji


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#हिन्दूसाहेबान_नहींसमझे_गीतावेदपुराणPart4 के आगे पढिए.....) 📖📖📖 #हिन्दूसाहेबान_नहींसमझे_गीतावेदपुराणPart5 आध्यात्मिक जानकारी के लिए आप संत रामपाल जी महाराज जी के मंगलमय प्रवचन सुनिए। Sant Rampal Ji Maharaj YOUTUBE चैनल पर प्रतिदिन 7:30-8.30 बजे।

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#आध्यात्मिक_प्रदर्शनी Spiritual Exhibition At Satlok Ashram आध्यात्मिक प्रदर्शनीको आयोजना असाध्यै सुव्यवस्थित र सुनियोजित तरीकाले गर्ने गरिन्छ जसबाट मानिसहरुले सजिलै सबै सामग्रीलाई बुझ्न सकुन् र त्यसबाट लाभान्वित भएर सत्य आध्यात्मिक मार्गमा आगाडि बढ्न सकुन् ।

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#GodKabir_In_Treta_DwaparYug कबीर परमेश्वर जी ने काल ब्रह्म को दिये वचन अनुसार त्रेतायुग में राम सेतु अपनी कृपा से पत्थर हल्के करके बनवाया। True Knowledge By Sant Rampal Ji #GodMorningSunday 🌅🌅


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कैसे कटेगा पाप कर्म और कैसे होंगे मोक्ष की प्राप्ति | SA News Chhattisgarh #SatlokAshram ##SatlokAshram #Madhyapradesh #DivyaDharmaYagyaDiwas #chhattisgarh #Samagam #SantRampalJiMaharaj


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#GodKabir_In_Treta_DwaparYug कबीर साहेब जी ही त्रेतायुग में लंका के राजा रावण के छोटे भाई विभीषण जी को मुनीन्द्र रुप में मिले थे विभीषण जी ने उनसे तत्वज्ञान ग्रहण कर उपदेश प्राप्त किया और मुक्ति के अधिकारी हुए। True Knowledge By Sant Rampal Ji #GodMorningSunday

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#GodKabir_In_Treta_DwaparYug कबीर साहेब जी ही त्रेतायुग में लंका के राजा रावण के छोटे भाई विभीषण जी को मुनीन्द्र रूप में मिले थे। विभीषण जी ने उनसे तत्वज्ञान ग्रहण कर उपदेश प्राप्त किया और मुक्ति के अधिकारी हुए। True Knowledge By Sant Rampal Ji

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#GodKabir_In_Treta_DwaparYug कबीर परमात्मा जी द्वारा नल और नील के असाध्य रोग को ठीक करना जब त्रेतायुग में परमात्मा कविर्देव (कबीर परमेश्वर) मुनींद्र ऋषि रूप में नल और नील के असाध्य रोग को अपने आशीर्वाद से ठीक किया तथा नल और नील को दिए आशीर्वाद से ही रामसेतु पुल की स्थापना हुई थी।

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#GodKabir_In_Treta_DwaparYug 🪴 🪴 कबीर परमात्मा जी द्वारा नल और नील के असाध्य रोग को ठीक करना जब त्रेतायुग में परमात्मा कविर्देव मुनींद्र ऋषि रूप में नल और नील के असाध्य रोग को अपने आशीवाद से ठीक किया तथा नल और नील को दिए आशीवाद से ही रामसेतु पुल की स्थापना हुई थी।

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#GodKabir_In_Treta_DwaparYug कबीर परमात्मा जी द्वारा नल और नील के असाध्य रोग को ठीक करना जब त्रेतायुग में परमात्मा कविर्देव (कबीर परमेश्वर) मुनींद्र ऋषि रूप में नल और नील के असाध्य रोग को अपने आशीवाद से ठीक किया तथा नल और नील को दिए आशीवाद से ही रामसेतु पुल की स्थापना हुई थी।

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#GodKabir_In_Treta_DwaparYug त्रेतायुग में कबीर साहेब मुनींद्र ऋषि नाम से आये। तब रावण की पत्नी मंदोदरी, विभीषण, हनुमान जी, नल - निल, चंद्र विजय और उसके पूरे परिवार को कबीर परमात्मा ने शरण में लिया जिससे उन पुण्यात्माओं का कल्याण हुआ। True Knowledge By Sant Rampal Ji

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कबीर परमात्मा जी कहते हैं, अगर माला हाथ में घूम रही है, लेकिन मन चारों दिशाओं में भटक रहा है, तो यह सुमिरन नहीं है। ईश्वर की भक्ति में मन और ध्यान का पूर्ण समर्पण ही सच्चा सुमिरन है। #GodKabirVani

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#GodKabir_In_Treta_DwaparYug पांडवों के अश्वमेघ यज्ञ में अनेक ऋषि महषि ,भगवान कृष्ण भी उपस्थित थे, फिर भी उनका शंख नहीं बजा। कबीर परमेश्वर ने सुपच सुदर्शन वाल्मीकि के रूप में शंख बजाया और पांडवों का यज्ञ संपन्न किया था। True Knowledge By Sant Rampal Ji

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#GodKabir_In_Treta_DwaparYug मुनींद्र नाम से प्रकट हुए तथा नल व नील को शरण में लिया। उनकी कृपा से ही समुद्र पर पत्थर तैरे। नल नील जतन कर हार, तब सतगुरु से करी पुकार। जा सत रेखा लिखी अपार, सिंधु पर शिला तिराने वाले। True Knowledge By Sant Rampal Ji

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#GodKabir_In_Treta_DwaparYug 🪴 🪴 लंका फतह करने में बाधा बन रहे समुद्र के आगे असहाय हुए दशरथ पुत्र राम से भिन्न वह आदिराम आदिपुरुष कबीर परमात्मा त्रेतायुग में मुनींद्र ऋषि के रुप में उपस्थित थे। जिनकी कृपा से समुद्र पर रखे गए पत्थर तैर पाए थे। True Knowledge By Sant Rampal Ji

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#GodKabir_In_Treta_DwaparYug कबीर परमात्मा जी द्वारा नल और नील के असाध्य रोग को ठीक करना जब त्रेतायुग में परमात्मा कविर्देव (कबीर परमेश्वर) मुनींद्र ऋषि रूप में नल और नील के असाध्य रोग को अपने आशीर्वाद से ठीक किया तथा नल और नील को दिए आशीर्वाद से ही रामसेतु पुल की स्थापना हुई थी।

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#सत_भक्ति_संदेश पूर्ण गुरु गुरु से दूर गया प्राणी महाकष्ट उठाता है। यदि गुरु नकली है तो उसको त्यागकर पूर्ण गुरु की शरण में चले जाने से कोई पाप नहीं लगता। ~ बंदीछोड सतगुरु रामपाल जी महाराज अधिक जानकारी के लिए देखिए संत रामपाल जी महाराज यूट्यूब चैनल पर #GodMorningSaturday

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#GodKabir_In_Treta_DwaparYug कबीर परमेश्वर जी ने काल ब्रह्म को दिये वचन अनुसार त्रेतायुग में राम सेतु अपनी कृपा से पत्थर हल्के करके बनवाया। True Knowledge By Sant Rampal Ji

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