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#परमात्मा_का_विधान संत गरीबदास जी ने कहा है कि:- तमा + खू = तमाखू। खू नाम खून का तमा नाम गाय। सौ बार सौगंध इसे न पीयें-खाय।। भावार्थ:- भावार्थ है कि फारसी भाषा में ‘‘तमा’’ गाय को कहते हैं। खू = खून यानि रक्त को कहते हैं। यह तमाखू गाय के रक्त से उपजा है। इसके ऊपर गाय के बाल जैसे
#परमात्मा_का_विधान गुरू बिन नाम जाप की माला फिराते हैं या दान देते हैं, वह व्यर्थ है। यह वेदों तथा पुराणों में भी प्रमाण है। यदि दीक्षा लेकर फिर गुरू को छोड़कर उन्हीं मन्त्रों का जाप करता रहे तथा यज्ञ, हवन, दान भी करता रहे, वह भी व्यर्थ है।#परमात्मा_का_विधान
आज तक तथाकथित धर्मगुरुओं ने हमें सद्ग्रंथों के गूढ़ रहस्य को नहीं समझ सके, इन्होंने भक्त समाज को गीता जी के पाठ करने तक ही सीमित रखा! अवश्य देखिए सनातनी पूजा के पतन की कहानी भाग - 4 और जानें #श्राद्ध_की_श्रेष्ठ_विधि जो देती है हजार गुना लाभ Factful Debates Youtube channel पर।
#GodKabir_In_Treta_DwaparYug Supreme God Kabir God Kabir Ji, the Merciful One, appeared in the Dwapar Yug and resided in Kashi. A young man named Sudershan was impressed by his words and became his disciple. One day, Sudarshan asked Hanuman Ji,.. True Knowledge By Sant Rampal Ji
#GodKabir_In_Treta_DwaparYug द्वापर युग में कबीर परमेश्वर की दया से ही पांडवों का अश्वमेध यज्ञ संपन्न हुआ था। पांडवों के अश्वमेघ यज्ञ में अनेक ऋषि महर्षि मंडलेश्वर उपस्थित थे। यहां तक की भगवान कृष्ण भी उपस्थित थे। फिर भी उनका शंख नहीं बजा। कबीर परमेश्वर ने सुपच सुदर्शन...........
#GodKabir_In_Treta_DwaparYug जब त्रेतायुग में परमात्मा कविर्देव (कबीर परमेश्वर) मुनींद्र ऋषि रूप में नल और नील के असाध्य रोग को अपने आशीर्वाद से ठीक किया तथा नल और नील को दिए आशीर्वाद से ही रामसेतु पुल की स्थापना हुई थी। True Knowledge By Sant Rampal Ji
#GodKabir_In_Treta_DwaparYug 🪴 🪴 कबीर परमात्मा जी द्वारा नल और नील के असाध्य रोग को ठीक करना जब त्रेतायुग में परमात्मा कविर्देव मुनींद्र ऋषि रूप में नल और नील के असाध्य रोग को अपने आशीवाद से ठीक किया तथा नल और नील को दिए आशीवाद से ही रामसेतु पुल की स्थापना हुई थी
#GodKabir_In_Treta_DwaparYug True Knowledge By Sant Rampal Jiत्रेतायुग में कबीर परमात्मा ऋषि मुनीन्द्र के नाम से प्रकट हुये थे। त्रेता युग में कबीर परमात्मा लंका में रहने वाले चंद्रविजय और उनकी पत्नी कर्मवती को भी मिले थे। और उस समय के राजा रावण की पत्नी मंदोदरी और भाई विभीषण को
#GodKabir_In_Treta_DwaparYug कबीर साहेब जी ही त्रेतायुग में लंका के राजा रावण के छोटे भाई विभीषण जी को मुनीन्द्र रुप में मिले थे। विभीषण जी ने उनसे तत्वज्ञान ग्रहण कर उपदेश प्राप्त किया और मुक्ति के अधिकारी हुए। True Knowledge By Sant Rampal Ji#GodKabir_In_Treta_DwaparYug
#GodKabir_In_Treta_DwaparYug क्या आप जानते हैं कि हनुमान जी को त्रेतायुग में मुनीन्द्र ऋषि रूप में परमात्मा मिले थे, जिन्होंने हनुमान जी को अपना अमरलोक दिखाया था और सतभक्ति प्रदान की थी।🙏🙇 True Knowledge By Sant Rampal Ji#GodKabir_In_Treta_DwaparYug
#GodKabir_In_Treta_DwaparYug कबीर परमात्मा जी द्वारा नल और नील के असाध्य रोग को ठीक करना जब त्रेतायुग में परमात्मा कविर्देव (कबीर परमेश्वर) मुनींद्र ऋषि रूप में नल और नील के असाध्य रोग को अपने आशीवाद से ठीक किया तथा नल और नील को दिए आशीवाद से ही रामसेतु पुल की स्थापना हुई थी।
#GodKabir_In_Treta_DwaparYug द्वापर युग में कबीर परमेश्वर ने ही द्रौपदी का चीर बढ़ाया जिसे जन समाज मानता है कि वह भगवान कृष्ण ने बढ़ाया। कृष्ण भगवान तो उस वक्त अपनी पत्नी रुकमणी के साथ चौसर खेल रहे थे। True Knowledge By Sant Rampal Ji @VisheshDas11
#GodKabir_In_Treta_DwaparYug लंका फतह करने में बाधा बन रहे समुद्र के आगे असहाय हुए दशरथ पुत्र राम से भिन्न वह आदिराम आदिपुरुष कबीर परमात्मा त्रेतायुग में मुनींद्र ऋषि के रुप में उपस्थित थे। True Knowledge By Sant Rampal Ji
#GodKabir_In_Treta_DwaparYug कबीर साहेब जी ही त्रेतायुग में लंका के राजा रावण के छोटे भाई विभीषण जी को मुनीन्द्र रूप में मिले थे। विभीषण जी ने उनसे तत्वज्ञान ग्रहण कर उपदेश प्राप्त किया और मुक्ति के अधिकारी हुए।🙏#GodKabir_In_Treta_DwaparYug
#GodKabir_In_Treta_DwaparYug 🪴 🪴 लंका फतह करने में बाधा बन रहे समुद्र के आगे असहाय हुए दशरथ पुत्र राम से भिन्न वह आदिराम आदिपुरुष कबीर परमात्मा त्रेतायुग में मुनींद्र ऋषि के रुप में उपस्थित थे। जिनकी कृपा से समुद्र पर रखे गए पत्थर तैर पाए थे। True Knowledge By Sant Rampal Ji
#GodKabir_In_Treta_DwaparYug त्रेतायुग में कबीर परमात्मा ऋषि मुनीन्द्र के नाम से प्रकट हुये थे। त्रेता युग में कबीर परमात्मा लंका में रहने वाले चंद्रविजय और उनकी पत्नी कर्मवती को भी मिले थे। और उस समय के राजा रावण की पत्नी मंदोदरी और भाई विभीषण... True Knowledge By Sant Rampal Ji
#GodKabir_In_Treta_DwaparYug त्रेतायुग में कबीर साहेब मुनींद्र ऋषि नाम से आये।तब रावण की पत्नी मंदोदरी, विभीषण, हनुमान जी, नल-निल, चंद्र विजय और उसके पूरे परिवार को कबीर परमात्मा ने शरण में लिया जिससे उन पुण्यात्माओं का कल्याण हुआ। True Knowledge By Sant Rampal Ji
#GodKabir_In_Treta_DwaparYug हनुमान जी को त्रेतायुग में मुनीन्द्र ऋषि रूप में कबीर परमात्मा मिले थे, जिन्होंने हनुमान जी को अपना अमरलोक दिखाया था और सतभक्ति प्रदान की थी। True Knowledge By Sant Rampal Ji
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