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Anant

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D.El.ED, Tet Qualified, CTET Qualified, Social Activist

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खत्म तुम करो, तबाह हम करेंगे। 60 रुपया महीना अंग्रेजो से पेंशन कौन लेता था।

अंबेडकर का जन्म 1891 को हुआ था । वो स्वतंत्रता आंदोलन में शून्य बार जेल गए थे। शुरू तुम करो, खत्म हम करेंगे



इतना ही भरोसा है, तो जातिगत जनगणना करवाने में क्या दिक्कत है। जातिगत जनगणना से डर क्यों लगता है, अपनी आबादी के हिसाब से हिस्सेदारी ले लो ।

देखो 👁️ , कैसे देश में नरेटिव सेट किया जाता है ? ये अनपढ़ गवार बोल रहा है कि भारत में सामान्यवर्ग मात्र 10% है जबकि सच्चाई ये है कि देश में सामान्यवर्ग 40% तो ऑफिशियल है , सबूत समाने है। इन जैसों की झूठ की दुकान अब नहीं चलेगी। इस मूर्ख व्यक्ति के लिए 2 शब्द जरूर कहे।



सवर्णों के लिए खासकर ब्राह्मणों के लिए, श्राप का प्रयोग कर सकते है। उनके लिए श्राप आयोग है।

सामान्य वर्ग को क्या मिल रहा है ? 🤷🏻‍♂️

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10% लोगों के लिए 40+10%=50% स्वघोषित आरक्षण है। अब कितना आरक्षण चाहीए । अगर दम है तो जातिगत जनगणना करवा कर अपनी आबादी के अनुसार हिस्सा ले लो।

नए भारत की वास्तविक तस्वीर 👁️

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ये कौन से स्वतंत्रता सेनानी हैं, जिस पर रेप करने के जुर्म है उसका समर्थन कर रहे है। इनके बारे में भी कभी लिख दिया करो।

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अभिनेता और इनफ्लूएंसर एजाज़ खान को आप जानते ही होंगे, इनका अक्सर Instagram पर कलेश चलता रहता है, महाराष्ट्र की वर्सोवा विधानसभा सीट से एजाज खान को चंद्रशेखर आज़ाद की ASP ने टिकट दिया है इस तस्वीर में एजाज़ खान चंद्रशेखर आज़ाद के साथ बैठे हैं इसमें उनके कपड़े देखिए, यह राजनीति…

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अबे कलुआ तेरा मुंह काला है, तो दूसरों को भी काला करते फ़िरोगे। अपनी हैसियत के हिसाब से बात किया करो ! @AjazkhanActor @BhimArmyChief @SandeepAmb67660 @priyanshu__63 @Anandkumar7275 @ankit_valmikii

दो चिरकुट एक तस्वीर में 🖐️ और इन्ह दोनो का मुँह काला करने वालो को मेरे तरफ से इनाम अगर मेरे सामने ये आये या कभी मिलन हुआया तो मैं स्वयं इनका मुँह काला करूँगा

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सवर्णों के समर्थन की आवश्यकता नहीं है, दलित, पिछड़े ही काफी है आरक्षण बचाने के लिए...

SC STआरक्षण का लाभ केवल गरीब दलित आदिवासी को ही मिलना चाहिए। अमीर दलित को आरक्षण से बाहर किया जाए। तभी आरक्षण का सही लाभ वंचित वर्ग को मिलेगा। मुझे लगता है इसका सभी सवर्ण भाई समर्थन करेंगे।

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1947 से पहले तो भारत में आरक्षण था ही नहीं, फिर भी भारत क्यों पिछड़ा था। जब तक कोलेजियम सिस्टम, लैटरल इंट्री और आउटसोर्सिंग के माध्यम से भर्तियां बंद नहीं होगी तब तक भारत अमेरिका से पीछे ही रहेगा। पहली बात तो राजनीतिक तौर पर भारत और अमेरिका में तुलना हो ही नहीं सकती है। इसके लिए…

अमेरिका में काबिलियत देखकर पद दिया जाता है , और भारत में जाति आधारित आरक्षण देखकर पद दिया जाता है। इसलिए आज भारत , अमेरिका से पीछे है।

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यूपी में BJP सांसद विनोद बिंद ने समाज को एकजुट करने के ल‍िए दावत दी. दावत में बकरा बना. सांसद जी ने दावत दी थी, लोग झमककर पहुंचे. जब खाने की बारी आई तो पत्‍तल में बकरे की बोटी की जगह स‍िर्फ रसा परोसा गया. फ‍िर जो हुआ वो इत‍िहास में दर्ज हो गया.


इधर उधर बात घुमाने की क्या जरूरत है, सीधे - सीधे कहिए कि झारखंड में भाजपा की सरकार बनाना चाह रहे है।😂

हेमंत सोरेन जी बता नहीं रहे हैं कि 1. झारखंड अलग राज्य की लड़ाई किस पार्टी की सरकार के खिलाफ लड़ी गई 2. झारखंड में सारे नरसंहार किस पार्टी के शासन में हुए 3. किस सरकार ने शिबू सोरेन को दिल्ली में गिरफ़्तार कर प्लेन की जगह ट्रेन से लाया ताकि पूरे रास्ते में उनका तमाशा बने।



इस उमर में ऐसी हरकतें देखकर आप लोग क्या कहना चाहते है 😂


पिछड़ा, दलित, आदिवासी बढ़िया खाना खा ले तो इनके पेट मे दर्द शुरु, बढ़िया कपड़ा पहन ले तो इनके पेट मे दर्द शुरु, पिछड़ा, दलित, आदिवासी के बच्चे बढ़िया स्कूल मे पढ़ाई करे तो इनके पेट मे दर्द शुरु, अच्छा नौकरी करे तो इनके पेट मे दर्द शुरु, अच्छी जगह घूमने चला जाये तो इनके पेट मे…

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पुलिस वाले तो गजबें कर रहे है, अपनी वर्दी खुद से फाड़ कर आरोप आम जनता पर लगा रहे है। शुक्र है कैमरा आन था।

अगर Camera On न होता तो ये पुलिस वाले वाले भाई साहब आरोप लगा देते कि इनके वर्दी को धरने पर बैठे लोगों ने फाड़ा है। हड़प्पा सभ्यता का समय नहीं चल रहा साहब 2024 है...Live दिख रहा आपका करतूत!!!



सच्चाई देख लीजिए @Profdilipmandal जी । आपके बहकावे में अब बहुजन समाज नहीं आने वाला है। आप तथ्यों को तोड़ - मरोड़कर पेश करना बंद कीजिए। क्रांति कुमार जी धन्यवाद!

अमेरिका में पढ़ने के लिए स्कॉलरशिप मिलने के बदले डॉ बाबा साहेब आंबेडकर को बड़ौदा रियासत में नौकरी कर अपनी सेवाएं देनी थी. 1917 में बाबा साहेब को बड़ौदा में सैनिक सचिव की नौकरी लग गई. बड़ौदा सरकारी दफ्तर में बाबा साहेब के साथ जातीय आधार पर भेदभाव किया गया, चपरासी ने दूर से फ़ाइल…

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आदरणीय @profdilipmandalसर चीख चीख कर कह रहे हैं : डॉक्टर बाबा साहेब आंबेडकर एक सैनिक अफ़सर के बेटे थे. इनके दादा भी फ़ौज में सूबेदार थे. वो हवा बनाना चाहते हैं डॉ आंबेडकर एक इलीट मिलिट्री खानदान से थे. जबकि यह सच नही है. ब्रिटिश फौज में नौकरी के कारण महार जाति में एक बड़ा मिडिल…


पहले आप ये बताइए, समाज को बांटा किसने था। समाज में भेदभाव करने वाले से ज्यादा समाज को बांटने वाला जिम्मेदार होता है।

ध्यान दीजिए: अम्बेडकर जी के अनुसार उनके साथ भेदभाव करने वाले थे- -धोबी -बैलगाड़ी चलाने वाले -सफ़ाई करने वाली जानते हैं ये सब किस जाति के थे? -ये सब भी अनुसूचित जाति से ही थे! यानी भेदभाव करने वाले ख़ुद दलित थे!



बसपा पार्टी में सिर्फ और सिर्फ पैसे कमाने का खेल चल रहा है, राजनीति से कोई सरोकार इस पर बसपा सुप्रीमो संज्ञान भी नहीं ले रही है। इसलिए बसपा की आज ये हालत हो गई है।

#सबूत_के_लिए_व्हाट्सएप_करे_9478670587_ज़मीन_की_फर्द_व_गाड़ी_RC_बांग्ला_शोरूम *बहन मायावती को किए फोन कॉल की बात का ब्यौरा जनता की कचहरी में रख रहा हु* - जसवीर सिंह गढ़ी *बसपा प्रभारी रणधीर बेनीवाल के झूठ, सीनाजोरी व साजिश से मुझे राजनीतिक तौर पर कत्ल किया गया है* - जसवीर सिंह…

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मंडल जी आप ये क्यों नहीं बताते हैं कि मंडल कमीशन लागू होने पर भाजपा ने ही वीपी सिंह की सरकार से समर्थन वापस ले लिया था। आप को ये भी बताना चाहिए कि मंडल कमीशन के विरोध में भाजपा ने कमंडल की राजनीति शुरू की थी। ये वही भाजपा है, जो मंडल कमीशन के विरोध रथ यात्रा की शुरुआत की थी।

जिन लोगों का जन्म 1970 से पहले हुआ है वे जानते होंगे. जिनका बाद में हुआ है वे अपने मां-बाप-चाची-चाचा-मामी-मामा से पूछ लें. कांग्रेस ने 1984 के चुनाव प्रचार में आरक्षण विरोधी अभियान चलाया था (देखें कांग्रेस का चुनावी पोस्टर, जो सभी अखबारों में सुबह छपकर आता था). उस समय विपक्ष…

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आपके कहने का मतलब,, बाबा साहब के साथ कभी कोई जातिगत भेदभाव हुआ ही नहीं, हुआ भी तो मुसलमान ने किया। दलितों के साथ पहले कोई भेदभाव नहीं होता था, आज भी नहीं होता है। ब्राह्मणों ने दलितों के साथ कभी कोई भेदभाव नहीं किया। आप तो रोहू मछली के चक्कर में एक दम से बदल गए। भाजपा की…

प्रिय डॉ. लक्ष्मण, 1. बाबा साहब मिलिट्री अफ़सर के बेटे थे। दादा भी फ़ौज में सूबेदार थे। यही भारतीयों की सबसे टॉप पोस्ट होती थी। सातारा के छोटे स्कूल से लेकर मुंबई में एलफिन्सटन हाई स्कूल तक उनको स्कूल जाने से कहीं किसी ने नहीं रोका। यहाँ सबसे अमीर बच्चे पढ़ते हैं। 2. गाँव के…



डाक टिकट जारी करने से क्या सम्मान मिल गया , बहुत खूब । इन्हीं ज्योतिबा फुले जी की धर्म पत्नी माई सावित्री बाई फुले को शिक्षा की देवी बताने पर कितने बहुजन टीचरों की नौकरी चली गई । कथनी और करनी में यही अंतर होता है । डाक टिकट जारी करके बहुजनों में एक बहुजन प्रेमी होने की लहर बना दो…

महात्मा फुले पर डाक टिकट लाकर बीजेपी ने उनको लाखों घरों में क्यों पहुँचाया और कांग्रेस ये क्यों नहीं कर पाई? ये तो हर कोई मानेगा कि महात्मा ज्योतिबा फुले और बीजेपी के बीच कई मामलों में वैचारिक समानता नहीं है। पर ज्योतिबा फुले को डाक टिकट के ज़रिये लाखों घरों तक पहुँचाने का…

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दिलीप मंडल आपको भाजपा की चाहे जितना गुलामी करना है, करिए लेकिन हमारे बाबा साहेब के बारे में फर्जी कहानियां बनाना बंद कीजिए। बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर को कई जगह पानी पीने से रोका गया था:  जब वे बरोड़ा सरकार में प्रोफ़ेसर थे, तब वहां सारे प्रोफ़ेसरों के लिए एक घड़ा रखा होता था,…

बाबा साहब को पानी पीने से किसने रोका? बाबा साहब की आत्मकथा Waiting for a Visa तो आपने पढ़ी ही होगा। दौलताबाद के मुसलमानों ने रमज़ान के महीने में तालाब का पानी छूने भर के कारण उन्हें गंदी गालियाँ दीं- “ढेढ़ यानी अछूतों ने तालाब को गंदा कर दिया है। इनको सबक़ सिखाना होगा।”

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