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Pratap Singh.....

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“It is very easy to think, but very difficult to do. But the most difficult thing in the world is to be able to ....मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम....

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Pratap Singh..... Reposted

किसी को अपवित्र किए बगैर , प्रेम करना ही पवित्र प्रेम है ।।


"जिंदगी में समस्या देने वाले की हस्ती कितनी भी बड़ी क्यों न हो पर भगवान की कृपादृष्टि से बड़ी नहीं हो सकती...!!!" Jai shree Ram..🚩🚩🚩

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वास्तविक प्रेम सिर्फ एक बार ही होता है...जो ठहर जाता है हृदय में विश्वास बनकर...प्रतीक्षा बनकर, याद बनकर ! "बाकी जो होता है वह छल, कपट और कुछ आकर्षण, मात्र होता है !!

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कभी कभी मन को मना लेना चाहिए,  क्योंकि हर जिद खुशी नहीं देती.....!!


इतिहास में कहाँ दर्ज़ होते हैं वो युद्ध, जो मन के भीतर चलते हैं I — दुष्यंत कुमार

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जय जय सियाराम.....

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स्वार्थ सबसे बड़ा सच है.! ~ अतुल वर्मा


* अब कृपाल जस आयसु होई। करौं सीस धरि सादर सोई॥ सो अवलंब देव मोहि देई। अवधि पारु पावौं जेहि सेई॥ भावार्थ:-हे कृपालु! अब जैसी आज्ञा हो, उसी को मैं सिर पर धर कर आदरपूर्वक करूँ! परन्तु देव! आप मुझे वह अवलम्बन (कोई सहारा) दें, जिसकी सेवा कर मैं अवधि का पार पा जाऊँ (अवधि को बिता दूँ)॥

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दोहा : सुनहु राम स्वामी सन चल न चातुरी मोरि। प्रभु अजहूँ मैं पापी अंतकाल गति तोरि॥9॥ भावार्थ:-(बालि ने कहा-) हे श्री रामजी! सुनिए, स्वामी (आप) से मेरी चतुराई नहीं चल सकती। हे प्रभो! अंतकाल में आपकी गति (शरण) पाकर मैं अब भी पापी ही रहा?॥9॥ जय जय सियाराम...

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