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KUNDAN KUMAR

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Joined August 2024

#GodNightSunday 🌌 भक्ति की कमाई कबीर कमाई आपनी, कबहू न निष्फल जाय। सात समंदर आड़े पड़े, मिले अगाऊ आय।। भक्ति की जैसी कमाई (साधना) की है, वह निष्फल नहीं जाती चाहे सात समुद्रों जितनी बाधा क्यों न आ जाए। संत रामपाल जी महाराज 👉अधिक जानकारी के लिए पढ़ें पवित्र पुस्तक "ज्ञान-गंगा"📖

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#सत_भक्ति_संदेश

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#GodKabir_In_Treta_DwaparYug कबीर परमेश्वर जी ने काल ब्रह्म को दिये वचन अनुसार त्रेतायुग में राम सेतु अपनी कृपा से पत्थर हल्के करके बनवाया। 🌱 True Knowledge By Sant Rampal Ji

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#श्राद्ध_की_श्रेष्ठ_विधि जो देती है हजार गुना लाभ गीता अध्याय 9 श्लोक 25 से संत रामपाल जी महाराज ने स्वयंभू गुरु आशुतोष आनंद को कैसे गलत सिद्ध किया है। जानने के लिए देखिए सनातनी पूजा के पतन की कहानी भाग - 4 Factful Debates Youtube channel पर Factful Debates YouTube Channel

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#श्राद्ध_की_श्रेष्ठ_विधि जो देती है हजार गुना लाभ क्या श्राद्ध से मिलेगा आपके पितरों को मोक्ष? पितृ पक्ष के दौरान हम अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए श्राद्ध कर्म करते हैं, लेकिन क्या गीता जी इस प्रक्रिया को सही ठहराती है? Must watch Factful debates you tube channel

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कबीर, बहता पानी निरमला, बंधा गन्दा होय । साधु जन रमता भला, दाग न लागै कोय ।। #SatlokAshramMundka #KabirIsGod

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#श्राद्ध_की_श्रेष्ठ_विधि जो देती है हजार गुना लाभ श्राद्धः शास्त्रविरुद्ध अंधविश्वास का जाल श्राद्ध एक वेदविरुद्ध कर्म है, जो गीता अध्याय 16 श्लोक 23-24 के अनुसार व्यर्थ है। अधिक जानकारी के लिए अवश्य देखें Factful Debates Youtube channel पर।

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कबीर, साधु सती और सूरमा, राखा रहै न ओट। माथा बांधि पताक सों, नेजा घालैं चोट।। #SatlokAshramMundka #KabirlsGod

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#GodNightSunday 🌌🌌 गीता अध्याय 16 श्लोक 23 में कहा है कि शास्त्र विधि को त्यागकर जो साधक मनमाना आचरण करते हैं उनको ना तो कोई सुख होता है ना कोई सिद्धि प्राप्त होती है तथा ना ही उनकी गति अर्थात मोक्ष होता है। इसलिए वेद, गीता के अनुसार ही साधना करो। Sant Rampal Ji Maharaj

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#GodKabir_In_Treta_DwaparYug कबीर साहेब जी त्रेतायुग में लंका के राजा रावण के छोटे भाई विभीषण को मुनीन्द्र रुप में मिले थे। विभीषण ने उनसे तत्वज्ञान ग्रहण कर उपदेश प्राप्त किया और मुक्ति के अधिकारी हुए। True Knowledge By Sant Rampal Ji

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#GodNightSunday 🪴🪴 परमेश्वर की महिमा सामान्य रूप में बताई है कि वह परमात्मा सज्जन यानि नेक मानव जैसा है। अविगत यानि दिव्य है। (अन्यत न जाई) उसकी खोज में अनेकों स्थानों पर ना जाएँ, उसकी प्राप्ति सतगुरू द्वारा होगी।

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#श्राद्ध_की_श्रेष्ठ_विधि_जोदेतीहै_हजारगुनालाभ #FactfulDebatesYouTubeChannel #sanatani #sanatandharma #bhagavadgitaकबीर, जिहि हरि जैसा जांणियौ, तिन के तैसा लाभ। ओसौ प्यास न भाजई, जब लग घसै न आभ ।। भावार्थ:- जिसने ईश्वर को जिस रूप में और जितना समझा है उसको उसी के अनुसार फल प्राप्त

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#श्राद्ध_की_श्रेष्ठ_विधि जो देती है हजार गुना लाभ क्या श्राद्ध से मिलेगा आपके पितरों को मोक्ष ? जानें गीता जी का क्या है आदेश? देखिए Factful Debates Youtube Channel पर आध्यात्मिक ज्ञान चर्चा 'संत रामपाल जी महाराज VS आशुतोष आनंद जी महाराज'

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सतलोक आश्रम मुंडका, दिल्ली में भंडारा स्थल की एक झलक!! #SatlokAshramMundka #KabirIsGod

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#श्राद्ध_की_श्रेष्ठ_विधि जो देती है हजार गुना लाभ, गीता अध्याय 9 श्लोक 25 से संत रामपाल जी महाराज ने स्वयंभू गुरु आशुतोष आनंद को कैसे गलत सिद्ध किया है! जानने के लिए देखिए सनातनी पूजा के पतन की कहानी भाग - 4 "Factful Debates Youtube channel" पर @DilipDas1015855

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#GodMorningMonday कबीर परमेश्वर ने सुपच सुदर्शन वाल्मीकि के रूप में शंख बजाया और पांडवों का यज्ञ संपन्न किया था। #GodKabir_In_Treta_DwaparYug

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#GodKabir_In_Treta_DwaparYug त्रेतायुग में कबीर साहेब मुनींद्र ऋषि नाम से आये। तब रावण की पत्नी मंदोदरी, विभीषण, हनुमान जी, नल - निल, चंद्र विजय और उसके पूरे परिवार को कबीर परमात्मा ने शरण में लिया जिससे उन पुण्यात्माओं का कल्याण हुआ। True Knowledge By Sant Rampal Ji

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लंका फतह करने में बाधा बन रहे समुद्र के आगे असहाय हुए दशरथ पुत्र राम से भिन्न वह आदिराम/आदिपुरुष परमात्मा कौन है, जो त्रेतायुग में मुनींद्र ऋषि के रूप में उपस्थित थे #GodKabir_In_Treta_DwaparYug True Knowledge By Sant Rampal Ji

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लंका फतह करने में बाधा बन रहे समुद्र के आगे असहाय हुए दशरथ पुत्र राम से भिन्न वह आदिराम/आदिपुरुष परमात्मा कौन है, जो त्रेतायुग में मुनींद्र ऋषि के रूप में उपस्थित थे #GodKabir_In_Treta_DwaparYug True Knowledge By Sant Rampal Ji

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#GodKabir_In_Treta_DwaparYug द्वापर में रानी इन्द्रमति की जान बचाकर, उसको शरण में लेना! ➡️द्वापरयुग में एक राजा चन्द्रविजय था। उसकी पत्नी इन्द्रमति धार्मिक प्रवृति की थी। द्वापर युग में परमेश्वर कबीर करूणामय नाम से आये थे। True Knowledge By Sant Rampal Ji

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