@DarogaDr Profile picture

Dr.Kunwar Daroga Sin

@DarogaDr

मानव तन ईश्वर का वरदान है,इसे व्यर्थ नहीं करना है

Similar User
🇮🇳S Bhabhar🇮🇳 photo

@bhabharsanjay

Sharad Ojha photo

@SharadOjha1

सोनू सिंह चौधरी photo

@SonuBjpSadabad

M_Kumar photo

@MritunjayDa

Rajiv Shah photo

@rajeev_shah7

NO NAME photo

@onthepath_1way

RAHUL VERMA photo

@rahul83verma

Ravi Choudhari photo

@ravi_choudhari1

नित्य नयी- नयी कोरी बातें, दावे |जमीन पर जब तक देखेगें दिल्ली दूर हो जायेगी,यू०पी०का शायद यही नसीब है


अद्भुत समस्यायें हैं,यू०पी०के लोग समस्याओं के मकड़ जाल में रहे हैं,कोई फँसा है, कोई फँसे हैं, कोई फँसाये गये हैं,रास्ते बन्द हैं?


हर साख पर उल्लू बैठे हैं,गुलजार-ए-गुलिस्तां क्या होगा|


लोग सुधरनाऔर सुधारना जानते हैं पर सुधरना और सुधारना चाहते ही नही हैं, जानते सब हैं पर मानते नहीं हैं,सच ही है 'भय बिनु होय न प्रीति'


२०२४ के बाद की तैयारी ,देश में मोदी जी के बाद योगी जी,हर-हर मोदी घर-घर मोदी जन-जन योगी


जब जब होय धर्म की हानी ,बाढ़ै अधम असुर अभिमानी,तब तब प्रभु धरि मनुज शरीरा हरहिं कृपा निधि सज्जन पीरा,हर -हर मोदी अब घर- घर योगी ऊँ शिव -शिव


उत्तर प्रदेश में हार को न पचा पाने वालों द्वारा कानून से खेलने की होड़ मच गयी है,जल्द कुछ नहीं हुआ तो परिणाम भयावह होंगें|


चाहे जो जैसा भी गणित कहे,जाति,धर्म पर वोट नहीं पड़ेगा, यू०पी०के बच्चे-बच्चे सब जानते हैं, हमारा विकास करिये नहीं तो हम सरकार बदल देंगें|


लगातार सरकारों का पूर्ण बहुमत के साथ बदलाव,यू०पी०को केवल और चहुमुखी विकास करने वाला चाहिए, वर्ना फिर बदलाव होगा


भारतीय रेल का तो क्या कहना ये तो दलदल से निकलना ही नहीं चाहते हैं,जो बदल जाये वो मानो भारतीय रेल नहीं|


भारतीय आर्मी को बहुत बड़े बदलाव की सख्त जरूरत है,ये आज भी अग्रेजों की घिसी- पिटी मानसिकता के बोझ से दबे हैं, हमें तेज व सख्त बदलाव चाहिए


उत्तर प्रदेश ने चुनाव में कभी गलती नहीं की फिर भी पिछड़ा है, यही दुर्भाग्य है(प्रधान मन्त्रियों का उत्पादक यू०पी०,फिर भी लाचार यू०पी०)


यू०पी०को समझना इतना भी आसान नहीं है


नोटबन्दी ने यह साबित कर दिया है कि हिन्दुस्तान का आम इंसान बेहतर जिन्दगी की चाह रखता है परन्तु क्या यह होगा?


कब तक लुटेगें,कब तक लूटेंगें?भ्रष्टाचार बना नासूर? सारा का सारा तन्त्र ही इसीलिए बनाया गया है अजीब तानाबाना है?६६


सरकारी तंन्त्र सुधर नहीं सकता सरकारी शौचालयों,कार्यो की भौतिक स्थिति को देखकर लगता है यह बना ही क्यों है?महज खाना पूर्ति ही मकसद रहा है


दलाली को हर जगह ऐसा व्यवस्थित किया गया है कि वो आम लोगों के लिए अनिवार्य सा है,बिना दलाली दिये कोई काम नहीं|


सपने यों ही सच नहीं होते हैं ,सपने सच करने के लिए हर किसी को आहूति देनी ही पड़ती है|


नोट बंदी पर अब लोगों का हौसला दम तोड़ने लगा है, जमीनी हकीकत में बैंक वालों ने स्थिति को बद से बदतर कर दिया है ?


Loading...

Something went wrong.


Something went wrong.