@sadhnasahu3710 Profile picture

sadhna sahu

@sadhnasahu3710

India

Joined March 2023
Similar User
Hemlata Rai photo

@hemlata25111

Kavita Sharma photo

@KavitaS43351202

sanjay sharma photo

@sanjays08373295

D🅰️K💲H photo

@rahultiwari2023

Hardini Nikure photo

@HardiniNikure

Jagriti Sahu photo

@Jagriti39659141

santoshi devi photo

@Sd5271469Devi

Amit Das photo

@amitdas19061523

#मिलवाटखोरों_परमात्मा_से_डरो आत्मा का नाश न करो मिलावट करना आत्मा को बर्बाद करने जैसा है। तुम्हारा हर गलत काम तुम्हारी आत्मा को नरक का मार्ग दिखा रहा है। Must Read Jeene Ki Raah

Tweet Image 1

#मिलवाटखोरों_परमात्मा_से_डरो मिलावटखोरों भगवान से डरो संत रामपाल जी महाराज कहते हैं कि मिलावट से कमाए गए धन से आपका परिवार सुख नहीं, दुख का भोग करता है। परमात्मा के न्याय में कोई भूल नहीं, हर पाप का हिसाब होगा। संत रामपाल जी महाराज एक स्वच्छ समाज तैयार कर रहे हैं।

Tweet Image 1

#GodKabir_In_Treta_DwaparYug द्वापरयुग में एक राजा चन्द्रविजय था। उसकी पत्नी इन्द्रमति धार्मिक प्रवृत्ति की थी। द्वापर युग में परमेश्वर कबीर करूणामय नाम से आये थे।करूणामय साहेब ने रानी से कहा कि जो साधना तेरे गुरुदेव ने दी है तेरे को जन्म-मृत्यु के कष्ट से नहीं बचा सकती।

Tweet Image 1

sadhna sahu Reposted

#GodKabir_In_Treta_DwaparYug कबीर साहेब जी ही त्रेतायुग में मुनींद्र ऋषि नाम से आये। तब रावण की पत्नी को मंदोदरी, विभीषण, हनुमानजी, नल-नील, चन्द्रविजय और उसके पुरे परिवार को शरण में लिया जिससे उन पुण्यात्माओं का कल्याण हुआ। -True Knowledge By Sant Rampal Ji 👌👌

Tweet Image 1

sadhna sahu Reposted
Tweet Image 1

sadhna sahu Reposted

#GodKabir_In_Treta_DwaparYug कबीर साहेब जी ही त्रेतायुग में लंका के राजा रावण के छोटे भाई विभीषण जी को मुनीन्द्र रुप में मिले थे विभीषण जी ने उनसे तत्वज्ञान ग्रहण कर उपदेश प्राप्त किया और मुक्ति के अधिकारी हुए। True Knowledge By Sant Rampal Ji

Tweet Image 1

sadhna sahu Reposted

#GodKabir_In_Treta_DwaparYug कबीर साहेब जी ही त्रेतायुग में लंका के राजा रावण के छोटे भाई विभीषण जी को मुनीन्द्र रुप में मिले थे विभीषण जी ने उनसे तत्वज्ञान ग्रहण कर उपदेश प्राप्त किया और मुक्ति के अधिकारी हुए। 🌱 True Knowledge By Sant Rampal Ji

Tweet Image 1

sadhna sahu Reposted

#GodKabir_In_Treta_DwaparYug त्रेतायुग में, परमेश्वर कबीर (कविर्देव) ने नल और नील को शरण में लिया था. कबीर परमेश्वर ने त्रेतायुग में मुनीन्द्र ऋषि के नाम से प्रकट होकर नल और नील को शरण में लिया था. True Knowledge By Sant Rampal Ji

Tweet Image 1

sadhna sahu Reposted

#GodKabir_In_Treta_DwaparYug 🔹क्या आप जानते हैं कि हनुमान जी को त्रेतायुग में मुनीन्द्र ऋषि रूप में परमात्मा मिले थे, जिन्होंने हनुमान जी को अपना अमरलोक दिखाया था और सतभक्ति प्रदान की थी। True Knowledge By Sant Rampal Ji

Tweet Image 1

sadhna sahu Reposted

#GodKabir_In_Treta_DwaparYug कबीर परमेश्वर जी ने काल ब्रह्म को दिये वचन अनुसार त्रेतायुग में राम सेतु अपनी कृपा से पत्थर हल्के करके बनवाया। True Knowledge By Sant Rampal Ji

Tweet Image 1

sadhna sahu Reposted

परमेश्वर कबीर जी करुणामय नाम से जब द्वापरयुग में प्रकट थे तब काशी में रह रहे थे। सुदर्शन नाम का एक युवक उनकी वाणी से प्रभावित होकर उनका शिष्य बन गया। एक दिन सुदर्शन ने करुणामय जी से पूछा कि आप जो ज्ञान देते हैं #GodKabir_In_Treta_DwaparYug True Knowledge By Sant Rampal Ji

Tweet Image 1

sadhna sahu Reposted

#GodKabir_In_Treta_DwaparYug लंका फतह करने में बाधा बन रहे समुद्र के आगे असहाय हुए दशरथ पुत्र राम से भिन्न वह आदिराम आदिपुरुष कबीर परमात्मा त्रेतायुग में मुनींद्र ऋषि के रुप में उपस्थित थे। जिनकी कृपा से समुद्र पर रखे गए पत्थर तैर पाए थे। True Knowledge By Sant Rampal Ji

Tweet Image 1

sadhna sahu Reposted

#GodKabir_In_Treta_DwaparYug कबीर साहेबजी ही त्रेतायुग में लंका के राजा रावण के छोटे भाई विभीषणजी को मुनीन्द्र रुप में मिले थे। विभीषणजी ने उनसे तत्वज्ञान ग्रहण कर उपदेश प्राप्त किया और मुक्ति के अधिकारी हुए। सुनिए तत्वदर्शी संत के मंगल प्रवचन Sant Rampal Ji Maharaj एप्लीकेशन पर

Tweet Image 1

sadhna sahu Reposted

#GodKabir_In_Treta_DwaparYug कबीर साहेब जी ही त्रेतायुग में लंका के राजा रावण के छोटे भाई विभीषण जी को मुनीन्द्र रुप में मिले थे विभीषण जी ने उनसे तत्वज्ञान ग्रहण कर उपदेश प्राप्त किया और मुक्ति के अधिकारी हुए। True Knowledge By Sant Rampal Ji

Tweet Image 1

sadhna sahu Reposted

#GodKabir_In_Treta_DwaparYug पांडवों के अश्वमेघ यज्ञ में अनेक ऋषि महषि ,भगवान कृष्ण भी उपस्थित थे, फिर भी उनका शंख नहीं बजा। कबीर परमेश्वर ने सुपच सुदर्शन वाल्मीकि के रूप में शंख बजाया और पांडवों का यज्ञ संपन्न किया था। True Knowledge By Sant Rampal Ji

Tweet Image 1

sadhna sahu Reposted

#GodKabir_In_Treta_DwaparYug लंका फतह करने में बाधा बन रहे समुद्र के आगे असहाय हुए दशरथ पुत्र राम से भिन्न वह आदिराम/आदिपुरुष परमात्मा कौन है, जो त्रेतायुग में मुनींद्र ऋषि के रूप में उपस्थित थे एवं जिनकी कृपा से नल नील के हाथों समुद्र पर रखे गए पत्थर तैर पाए थे।

Tweet Image 1

sadhna sahu Reposted

Adi Purush Parmeshwar Kabir Saheb comes in all the four ages, in the Satyuga, wearing the form of Narasimha form of the devotee Pahlāda has innumerable arms of protection. They can take any form of power. #GodKabir_In_Treta_DwaparYug True Knowledge By Sant Rampal Ji

Tweet Image 1

sadhna sahu Reposted

#GodKabir_In_Treta_DwaparYug परमात्मा कबीर जी द्वारा नल और नील के असाध्य रोग को ठीक करना जब त्रेतायुग में परमात्मा कविर्देव (कबीर परमेश्वर) मुनींद्र ऋषि रूप में नल और नील के असाध्य रोग को अपने आशीवाद से ठीक किया तथा नल और नील को दिए आशीवाद से ही रामसेतु पुल की स्थापना हुई थी।

Tweet Image 1

sadhna sahu Reposted

#GodKabir_In_Treta_DwaparYug कबीर साहेब जी ही त्रेतायुग में लंका के राजा रावण के छोटे भाई विभीषण जी को मुनीन्द्र रूप में मिले थे। विभीषण जी ने उनसे तत्वज्ञान ग्रहण कर उपदेश प्राप्त किया और मुक्ति के अधिकारी हुए। True Knowledge By Sant Rampal Ji

Tweet Image 1

sadhna sahu Reposted

#GodKabir_In_Treta_DwaparYug द्वापरयुग में एक राजा चन्द्रविजय था। उसकी पत्नी इन्द्रमति धार्मिक प्रवृत्ति की थी। द्वापर युग में परमेश्वर कबीर करूणामय नाम से आये थे। True Knowledge By Sant Rampal Ji

Tweet Image 1

Loading...

Something went wrong.


Something went wrong.